पुस्तकें सबसे अच्छी मित्र होती हैं : तेजपाल सिंह धामा
हैदराबाद। यहां पिछले दिनों एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए साहित्यकार तेजपाल सिंह धामा ने कहा कि पुस्तकें सबसे अच्छी मित्र होती हैं। उन्होंने कहा कि जमाना चाहे ई बुक का आ जाए या फिर अन्य कोई ओर लेकिन प्रकाशित पुस्तकों का युग हमेशा रहेगा। कोई पुस्तक प्रकाशित होने के बाद धरोहर हो जाती है। लेकिन ई—बुक्स इत्यादि धरोहर नहीं हो सकती। प्रकाशित पुस्तक का सदुपयोग अनेक प्रकार से कभी भी हो सकता है और वे ज्ञान का स्रोत होती हैं।
